9 मुखी रुद्राक्ष को नवदुर्गा का स्वरूप माना जाता है, और यह सबसे शक्तिशाली रुद्राक्षों में से एक है। इसे पहनने से मां दुर्गा के नौ रूपों की कृपा प्राप्त होती है, और व्यक्ति के जीवन की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं। जो लोग अधिक सोचने की आदत से परेशान रहते हैं या हमेशा अपने ही विचारों में खोए रहते हैं और इससे बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें 9 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। 9 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह केतु है जिसकी वजह से केतु से जुड़ी परेशानी जैसे की अचानक आने वाली परेशानी और गुप्त बीमारी इन सबसे छुटकारा दिलाने में भी नौ मुखी का रुद्राक्ष मदद करता है | आइए अब 9 मुखी रुद्राक्ष के बारे में विस्तार से जानते हैं,कि नौ मुखी रुद्राक्ष को कब पहनना चाहिए, कैसे पहनना चाहिए और पहनने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

9 मुखी रुद्राक्ष के फायदे | Benifits of wearing 9 Mukhi Rudraksha
- माँ दुर्गा के नौ रूपों की कृपा: यह रुद्राक्ष माँ दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक है, इसे पहनने के बाद व्यक्ति के अंदर हिम्मत आती है और डर कम होता है जो भी व्यक्ति 9 मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसे माँ दुर्गा के नौ रूपों की कृपा प्राप्त होती है |
- शिव और यमराज का आशीर्वाद: कहा जाता है कि 9 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति के अंदर का डर खत्म हो जाता है और व्यक्ति साहस के साथ निडर होकर मुश्किल से मुश्किल कामों को भी करने का साहस दिखाता है | 9 मुखी रुद्राक्ष के ऊपर यमराज जी का भी आशीर्वाद है, इसे पहनने से जिन लोगों के ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं या बार-बार चोट लगती है वो भी धीरे-धीरे कम होने लगती है |
- नवरात्रि में खास असर: 9 मुखी रुद्राक्ष माँ दुर्गा के नौ रूपों के साथ जोड़ा जाता है, जिसकी वजह से इसे नवरात्रि में पहनना सबसे अच्छा माना जाता है और इस रुद्राक्ष का लाभ अधिक मिलता है |
- केतु के दुष्प्रभाव से राहत: अगर किसी की कुंडली में केतु ग्रह से जुड़ी परेशानी हो रही है तो 9 मुखी रुद्राक्ष उससे बाहर निकलने में मदद करता है |जो भी व्यक्ति 9 मुखी रुद्राक्ष को पहनता है, वह धीरे-धीरे नकारात्मक सोच से बाहर आने लगता है और पॉजिटिव माइंडसेट के साथ आगे बढ़ता रहता है | इंसान के अंदर से डर निकल जाता है और व्यक्ति किसी भी परेशानी का डटकर सामना करने की कोशिश करता है |
- डर और कन्फ्यूजन से छुटकारा: अगर किसी व्यक्ति को फोबिया है, बिना वजह के सिर्फ अगर कोई डर में रहता है या डिसीजन लेते समय हमेशा कन्फ्यूजन बना रहता है और कॉन्फिडेंस और क्लैरिटी की कमी रहती है तो इन सब बातों को दूर करने में भी 9 मुखी रुद्राक्ष बहुत मदद करता है | लगभग इसे पहनने के कुछ महीने बाद ही इनमें से बहुत सी परेशानियाँ दूर होने लगती हैं |
9 मुखी रुद्राक्ष के हेल्थ बेनिफिट्स
- महिलाओं के लिए खास: जिन भी महिलाओं को पीरियड से रिलेटेड कोई इशू है, प्रेग्नेंसी में कोई इशू हो रहा है या बार-बार मिसकैरेज हो रहा है, उनके लिए भी यह फायदेमंद साबित होता है | प्रेग्नेंसी से जुड़े बहुत से प्रॉब्लम्स धीरे-धीरे कम होने लगते हैं, गर्भपात (Miscarriage) का खतरा कम करता है और बच्चे की सुरक्षा करता है |
- आंखों और सांस की तकलीफ में राहत: अगर आंखें कमजोर हैं या ठीक तरह से दिखाई नहीं देता है, चाहे पास का हो या दूर का, तो 9 मुखी रुद्राक्ष इस तरह की परेशानी को भी कम कर देता है | अगर सांस लेने में परेशानी होती है तो उसको भी कम करने में मदद करता है |
- फिजिकल एनर्जी बढ़ाता है: यह शरीर में एनर्जी को बढ़ाता है,काम से होने वाली थकान को कम करता है और व्यक्ति को फुर्तीला बनाता है,जिससे व्यक्ति लंबे समय तक काम कर पाता है |
9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम
- पहनने से पहले : इसे शनिवार या नवरात्रि में धारण करना सबसे अच्छा माना जाता है, जिससे इसके फायदे और परिणाम जल्दी मिल सकें | इसे शुक्रवार की रात को गाय के दूध या घी में डुबोकर रखें और अगले दिन सुबह इसे साफ पानी से धो लें | फिर इसे अपने हाथ पर रखकर “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ गणेशाय नमः” ,मंत्र: ” ॐ ह्रीं हूं नमः “ मंत्र का 108 बार जाप करें | मंत्र जाप के बाद इसे हाथ में या गले में धारण करें |
- 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का तरीका: रुद्राक्ष को सोना-चांदी या लाल धागे में पहन सकते है लेकिन रुद्राक्ष तभी असर दिखाएगा जब आप इसके मंत्र का दिन में कम से कम 108 बार जाप करेंगे |
- 9 मुखी रुद्राक्ष को कौन पहन सकता है?
- जिनकी कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में है |
- जो मानसिक और शारीरिक रूप से आत्मविश्वास बढ़ाना चाहते हैं |
- जो महिलाएँ प्रेगेनसी या पीरीअड से जुड़ी प्रॉब्लेम से परेशान हैं |
- जिनको भी हमेशा डर लगा रहता है |
- जो साहस बढ़ाना चाहते है |
9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नुकसान |Disadvantages of wearing 9 Mukhi Rudraksha
रुद्राक्ष को पहनने से कोई भी नुकसान नहीं होता है लेकिन अगर आप समस्या के हिसाब से रुद्राक्ष को धारण करते है तो यह आपको उस समस्या से बाहर निकालने में मदद करता है जैसे की कम्यूनिकेशन की प्रॉब्लेमस के लिए 4 मुखी ,5 मुखी और गणेश रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है जिससे जो व्यक्ति अपनी बातों को अच्छे से कह नहीं पाता है या दूसरों के साथ आसनी से घुल-मिल नहीं पाता है वो परेशानी इससे दूर होती है | इसलिए समस्या के हिसाब से सही ज्योतिषी से सलाह लेकर ही रुद्राक्ष को पहने क्योंकि कई बार रुद्राक्ष की एनर्जी ज्यादा होती है जिसकी वजह व्यक्ति कई बार सहन नहीं कर पाता है और सबसे जरूरी बात नीचे दी गई बातों का अगर व्यक्ति ध्यान नहीं रखता है तो भी उसे रुद्राक्ष का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है |
- उतारते समय : जब भी आप रुद्राक्ष को उतारे तो उसे साफ कपड़े में बांधकर साफ जगह या पूजा घर में रखे |
- 9 मुखी रुद्राक्ष पहनते के बाद : रुद्राक्ष वही व्यक्ति पहनना है जिसके भगवान के प्रति पूरी तरह से श्रद्धा होती है लेकिन जो रुद्राक्ष को पहनने के बाद मांस,शराब और नशीले पदार्थ का सेवन करता है इसे ऐसा समझ आता है की भगवान शिव के प्रति पूरी तरह से समर्पित नहीं है इसलिए सिर्फ दिखावे के लिए रुद्राक्ष को ना पहने |
- 9 मुखी रुद्राक्ष की देखभाल: 9 मुखी रुद्राक्ष की हर 4-5 महीने में सफाई करना बहुत ही जरूरी है जिससे की वो रुद्राक्ष साफ भी रहे और अच्छा भी इसलिए हर 4-5 महीने में दूध से या गंगाजल से उसे धोए |
निष्कर्ष :
नौ मुखी रुद्राक्ष को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है | 9 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति के जीवन से कई समस्याएं दूर हो जाती हैं, जैसे अनचाहा डर, भ्रम में रहना या किसी भी बात को लेकर ज्यादा सोचते रहना इन सब परेशानी को दूर करने में यह मदद करता है| 9 मुखी रुद्राक्ष केतु ग्रह के बुरे असर को भी कम करता है और जो भी समस्याएं अचानक आती हैं, उन्हें आने नहीं देता | इसे पहनने के बाद व्यक्ति बहुत ही निडर और साहसी बन जाता है और किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने से नहीं डरता, जिसकी वजह से वह अपनी लाइफ के हर क्षेत्र में सफल होता जाता है | जो भी लोग डेली बेसिस पर मेडिटेशन करते है और एक जगह पर ध्यान टीके रहने में परेशानी होती है तो यह इसे भी दूर करता है,मतलब एक तरह से डिस्ट्रैक्शन को कम करके फोकस को बढ़ाता है | जिन भी लेडीज को प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्या है या बार-बार किसी न किसी वजह से गर्भपात (Miscarriage) होता रहता है, उन्हें भी 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए | इस रुद्राक्ष को पहनने से बच्चे को सुरक्षा मिलती है |
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- 9 मुखी रुद्राक्ष किस काम आता है?
जिन्ह भी लोगों को केतु ग्रह से जुड़ी समस्या है और जिनको भी हमेशा ज्यादा डर लगा रहता है या जो ज्यादा ओवर थिंकिंग करते है या जिनको भी प्रेगेनसी से जुड़ी समस्या है तो इन सारी प्रॉब्लेम को दूर करने मै नौ मुखी रुद्राक्ष मदद करता है | - गले में कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
गले मै कौन सा भी रुद्राक्ष पहन सकते है रुद्राक्ष अपने हिसाब से हाथ में या गले में दोनों ही जगह पहन जा सकता है |लेकिन किसी भी रुद्राक्ष को सही नियम के साथ और सही समय पर पहनना जरूरी है तभी उसके पूरे लाभ मिलता है | - रुद्राक्ष पहनकर क्या नहीं करना चाहिए?
रुद्राक्ष पहनकर मांस नहीं खाना चाहिए | शराब और नशीले पदार्थ से दूर रहना चाहिए | - क्या लड़कियां रुद्राक्ष पहन सकती हैं?
हाँ, बिल्कुल लड़किया भी रुद्राक्ष को पहन सकती है हर धर्म का और हर तरह का इंसान रुद्राक्ष को पहन सकता है | - क्या हम नहाते समय रुद्राक्ष पहन सकते हैं?
हाँ, लेकिन आजकल नहाते समय केमिकल और शैम्पू का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से रुद्राक्ष की ऊर्जा कम होती है। इसलिए, नहाते समय उतारकर रखना ही बेहतर है। - अगर कोई आपके रुद्राक्ष को छू ले तो क्या करें?
इसमें कोई डरने की बात नहीं है। अगर गलती से किसी से रुद्राक्ष छू जाए, तो आप उसे बाद में गाय के कच्चे दूध से या गंगाजल से धोकर फिर से पहन लें या साफ पानी से भी धो सकते है | - रुद्राक्ष को कैसे धोना चाहिए?
रुद्राक्ष को गंगाजल से या गाय के कच्चे दूध से धोना चाहिए। ऐसा करने से रुद्राक्ष की पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है, और रुद्राक्ष भी अच्छे से साफ होता है। - रुद्राक्ष खो जाने पर क्या करना चाहिए?
अगर रुद्राक्ष खो जाता है, तो कहा जाता है कि वह अपने साथ आपकी उस परेशानी को लेकर गया है, जिसकी वजह से आपने वह रुद्राक्ष पहना था। इसलिए, बाद में उसी मुखी का नया रुद्राक्ष लाकर पहनें। - रुद्राक्ष कौन से धागे में पहनना चाहिए?
रुद्राक्ष को लाल धागे में पहनना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, आप रुद्राक्ष को सोना या चांदी में भी पहन सकते हैं। - रुद्राक्ष को कैसे धोना है?
रुद्राक्ष को गंगाजल से या गाय के दूध धोना चाहिए जिससे की इसकी ऊर्जा भी बनी रहती है और यह साफ भी होता है |