JUPITER PLANET : गुरु ग्रह कमजोर होने पर नहीं लगता बच्चों का पढ़ाई में ध्यान ? बात बिघड़ने से पहले जान लें यह बातें |

बात पूरी तरह से सही है कि गुरु ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को ना पढ़ाई में मन लगता है और ना ही आध्यात्म से जुड़ने का मन करता है। ऐसे व्यक्ति अपने से बड़े लोगों का सम्मान भी नहीं करते। गुरु के कमजोर होने से व्यक्ति की जिंदगी भटक जाती है, और किसी भी चीज में उसे जल्दी सफलता नहीं मिलती। मतलब एक तरह से कहा जाए तो जिस व्यक्ति का गुरु ग्रह अच्छा नहीं होता, उसका भाग्य उसका साथ नहीं देता। गुरु ग्रह को हमारे भाग्य से जोड़ा जाता है, इसलिए इसका मजबूत होना बहुत जरूरी है। गुरु ग्रह को बृहस्पति के नाम से भी जाना जाता है। आइए अब जानते हैं कि गुरु ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति के अंदर और कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं।

गुरु-ग्रह-के-उपाय

कमजोर गुरु (ज्यूपिटर) के लक्षण

  1. निर्णय ना ले पाना : जिस भी व्यक्ति का गुरु ग्रह कमजोर होता है, ऐसा व्यक्ति निर्णय ही नहीं ले पाता है और जो भी दूसरे उसके लिए निर्णय लेते है ये उसी बात को चुपचाप से मान लेता है।
  2. गलत मार्गदर्शन : अगर किसी को हमेशा सही राय नहीं मिलती है या सही लोगों से जिंदगी में कम ही सलाह मिलती है, तो ऐसे व्यक्ति का गुरु ग्रह जरूर कमजोर होता है।
  3. ज्ञान की कमी : ऐसे व्यक्ति के पास ज्ञान की बहुत ही कमी देखी जाती है और कुछ सीखना और समझना भी इन्हें मुश्किल लगता है।
  4. प्रमोशन ना होना : कड़ी मेहनत के बाद भी उस काम का क्रेडिट ना मिलना और प्रमोशन जैसी चीजों में दिक्कतों का सामना करना।
  5. सम्मान की कमी : काबिलियत होते हुए भी समाज में मान-सम्मान ना मिलना और कड़ी मेहनत के बाद भी उस काम की प्रशंसा ना मिल पाना।
  6. पेशन्स की कमी : ऐसे इंसान के अंदर धैर्य की कमी देखी जाती है और हमेशा ऐसा लगता है कि जो भी काम हो वो जल्दी-जल्दी हो जाए, इन्हें किसी भी वजह से रुकना ना पड़े ऐसी सोच इस ग्रह के कमजोर होने पर बन जाती है ।
  7. घमंड बढ़ना : खुद को ही सबसे ऊपर समझना और दूसरों को कम आंकना, अहंकार इतना कि दूसरों को साफ-साफ दिखाई दे इनके बर्ताव से ही |
  8. नाकामयाबी : बहुत ज्यादा मेहनत के बाद भी काम में सफलता ना मिलना।
  9. समझदारी की कमी : गुरु ग्रह कमजोर होने पर व्यक्ति के अंदर समझदारी की बहुत ज्यादा कमी आ जाती है ना तो दूसरों की बातों को अच्छे से समझ पाता है और ना ही अपनी बातों को दूसरों से ठीक से कह पाता है।
  10. अपनी स्किल का इस्तेमाल ना कर पाना : गुरु ग्रह कमजोर होने पर व्यक्ति के पास कितनी भी जानकारी हो या वो किसी चीज में माहिर हो, लेकिन वो उस नॉलेज का अच्छे से उपयोग नहीं कर पाता है।
  11. लैक ऑफ क्लैरिटी : गुरु ग्रह अच्छा ना होने पर व्यक्ति को जिंदगी में किस दिशा में आगे बढ़ना है, इसकी बहुत कम समझ होती है। ऐसा व्यक्ति एक ही लक्ष्य पर फोकस नहीं कर पाता है। इन्हें एक स्पष्ट गोल बनाने में परेशानी होती है, या ये उसे बना ही नहीं पाते हैं।
  12. आध्यात्म की कमी : गुरु ग्रह कमजोर होने पर व्यक्ति भगवान और आध्यात्मिकता जैसी चीजों में विश्वास नहीं करता है।
  13. दूसरों की कम सुनना : हमेशा अपनी ही बातों पर अड़े रहना और दूसरों की बातों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान ना देना, ये बहुत कमजोर गुरु ग्रह के लक्षण हैं।
  14. पेट की खराबी : हमेशा पेट से जुड़ी परेशानियाँ रहना भी कमजोर गुरु के लक्षण हैं।
  15. अनस्टेबल करियर : करियर हमेशा बदलते रहना और एक जगह पर जिंदगी में आगे ना बढ़ पाना , ये भी कमजोर गुरु के ही लक्षण हैं।
  16. बदनामी : गुरु ग्रह कमजोर होने पर कई बार अच्छे कर्म करने के बाद भी व्यक्ति को बदनामी का सामना करना पड़ता है।
  17. परिवार में समझदारी की कमी : जिस किसी की कुंडली में गुरु ग्रह अच्छा नहीं होता, उसका परिवार हमेशा बिखरा-बिखरा रहता है | कभी एक-दूसरे के साथ ठीक से बातचीत नहीं होती, या परिवार में कोई मिलजुलकर एकसाथ खाना नहीं खाता है , भले ही सब लोग घर पर एकसाथ मौजूद हों।

गुरु ग्रह के उपाय

  1. बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन उपवास करना भी गुरु ग्रह को मजबूत करता है।
  2. गुरुवार के दिन केले, पीले कपड़े जैसी पीली चीजों का किसी जरूरतमंद को दान करें इससे भी बृहस्पति ग्रह अच्छा होता है। लेकिन इस उपाय को कम से कम 7 गुरुवार करें।
  3. हर रोज नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर नहाना शुरू कर दीजिए।
  4. गुरुवार के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, और काम की वजह से पाठ करने का समय न मिले तो विष्णु सहस्त्रनाम को हर रोज सुनें।
  5. हमेशा अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें, और हो सके तो हर रोज अपने माता-पिता के पैर छूकर घर से बाहर निकलें।
  6. हर रोज भगवान विष्णु या भगवान दत्तात्रेय के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करें और समय हो तो मंदिर में जाकर कम से कम 15-20 मिनट वहीं बैठे रहें।
  7. अगर आपके हेल्थ को सूट करता है तो ज्यादा से ज्यादा पीले रंग की चीजों को अपने खाने में शामिल करें |
  8. गले में सोने की चेन पहनें और अगर ज्यादा गुस्सा आता है तो सोने की चेन को न पहनें।
  9. फिरोजा नाम का क्रिस्टल ब्रासलेट होता है, उसे पहनें, और 5 मुखी रुद्राक्ष भी गुरु ग्रह का होता है इसे धारण करना बृहस्पति ग्रह के अच्छे फल देने में मदद करता है।
  10. गुरुवार के दिन गाय को गुड़ और चना खिलाएं।
  11. गुरुवार के दिन धार्मिक पुस्तकों का दान करें।
  12. जितना हो सके उतना कम झूठ बोलें।
  13. दूसरों को कभी भी बिना मांगे फ्री सलाह न दें, ऐसा करने से बृहस्पति ग्रह खराब होता है।
  14. शराब और किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करें। हमेशा बुरी आदतों से और बुरी संगति के लोगों से दूर ही रहें।
  15. मांस को बिल्कुल भी न खाएं, क्योंकि बृहस्पति ग्रह को सात्विकता बहुत पसंद होती है चाहे वो आदतों में हो या खाने में। और जो भी व्यक्ति अच्छे के साथ अच्छा व्यवहार करता है, उसका बृहस्पति ग्रह अच्छा ही होता है।
  16. हर रोज अपने सिर पर पीले चंदन या केसर का तिलक लगाएं।

निष्कर्ष –

आज हमने बृहस्पति ग्रह के बारे में जाना कि इस ग्रह के खराब होने पर व्यक्ति की ज़िंदगी में कौन-कौन सी परेशानी आ सकती हैं। जैसे कि सही समय पर निर्णय न ले पाना, गलत मार्गदर्शन मिलना, दूसरों की बातों को जल्दी समझ न पाना ऐसी बहुत सी परेशानी का सामना व्यक्ति को करना पढ़ता है । इसलिए बृहस्पति ग्रह को अच्छा करने के उपाय भी बताए गए हैं, लेकिन इस बात को हमेशा याद रखें कि गुरु ग्रह के कितने भी उपाय कर लें, लेकिन जब तक बुरी आदतों को छोड़ते नहीं हैं, तब तक बृहस्पति ग्रह आपको अच्छा रिज़ल्ट कभी नहीं देंगे।