Bhagyank 7 : भाग्यांक 7 वाले क्यों करते है निर्णय लेने में देरी ? जानिए वजह और उपाय |

भाग्यांक 7 वाले निर्णय लेने में देर इसलिए लगाते हैं क्योंकि इनको किसी भी चीज के बारे में गहराई से जानने की आदत होती है, लेकिन कई बार इनकी यही आदत इनके लिए परेशानी बन जाती है क्योंकि यह छोटी-छोटी बातों के लिए भी ज्यादा उसके डिटेल में जाने की कोशिश करते हैं, जिसकी वजह से यह ज्यादा सोचने लगते हैं और कई बार अपने फैसलों पर शक करने लगते हैं | इनका नेचर ही ऐसा होता है कि हर चीज के बारे में डिटेल में जानने की कोशिश करते हैं और किसी भी चीज को जल्दी एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं | इसी वजह से ही भाग्यांक 7 वालों को निर्णय लेने में परेशानी होती है और देरी भी लगती है | इस आदत को अगर भाग्यांक 7 के जातकों को सुधारना होगा तो इन्हें यह समझना होगा कि हर एक चीज में डिटेल में जानना और चीजों का परफेक्ट होना जरूरी नहीं है | अगर वे हर बार सही जानकारी का इंतजार करते रहेंगे तो बहुत से मौके हाथ से निकल सकते हैं | इन्हें अगर अपना कॉन्फिडेंस बढ़ाना है तो छोटे-छोटे निर्णय लेने की आदत डालनी होगी और जिंदगी में आगे बढ़ना है तो जरूरत से ज्यादा बेफिजूल की बातों को सोचना बंद करना होगा | योगा और मेडिटेशन करना इनके लिए अच्छा साबित हो सकता है | इससे इनका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और माइंड में क्लैरिटी भी आएगी, साथ ही सोचने-समझने की क्षमता भी बढ़ेगी | इन बातों को अगर भाग्यांक 7 वालों ने अपनी जिंदगी में उतार लिया तो वे बहुत सी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकते हैं | आइए अब जानते हैं कि भाग्यांक 7 वालों की जिंदगी और कैसे आसान और अच्छी की जा सकती है|

bhagyank 7 in hindi

भाग्यांक 7 वालों के लिए सलाह

  1. भाग्यांक 7 के जातकों में कई बार यह देखा गया है कि यह छोटी-छोटी चीजों को लेकर जल्दी भावुक हो जाते हैं या दूसरों की बातों को दिल पर लगा लेते हैं तो इससे बाहर निकलने के लिए इन्हें अपने इमोशन्स के ऊपर कंट्रोल रखना सीखना होगा | यह सीख सकते हैं प्राणायाम, मेडिटेशन और सात्विक आहार से क्योंकि इससे इनका मन धीरे-धीरे शांत होने लगेगा और यह अच्छी और सही डिसीजन मैकिंग की पावर को बढ़ा सकेंगे |
    सलाह – योगा और मेडिटेशन करें और सात्विक आहार लें |
  2. भाग्यांक 7 के जातक कई बार बदलाव नहीं कर पाते हैं या बदलाव को जल्दी स्वीकार नहीं करते हैं | अगर बदलाव को स्वीकार करने में तकलीफ होती है तो ऐसे बदलावों से शुरुआत करें जो छोटे-छोटे हों जिससे कि आपकी लाइफ में भी कोई बड़ा इंपैक्ट ना आए और बड़े बदलाव होने पर आपको उसे स्वीकार करने में कोई परेशानी भी ना हो |
    सलाह – छोटे-छोटे बदलाव करने की कोशिश करें |
  3. अगर कोई भी डिसीजन लेने में परेशानी हो रही है तो जल्दबाजी ना करें, हमेशा उसके अच्छे और बुरे पहलू के बारे में सोचें कि उस डिसीजन की वजह से पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में इसका क्या असर पड़ सकता है | इससे एक क्लैरिटी मिल जाएगी कि फैसले किस तरह से लिए जाते हैं इसके बारे में |
    सलाह – जल्दबाजी में फैसले ना लें, पहले उसके अच्छे और बुरे परिणामों के बारे में विचार करें |
  4. अगर कामों को टालते रहते हैं या अपने अंदर डिसिप्लिन बना नहीं पा रहे हैं तो छोटे-छोटे स्टेप्स लें जैसे कि एकदम से कोई बड़ा गोल ना बनाएँ | जैसे कि आधा या एक घंटा वर्कआउट करने की बजाय, शुरुआत में सिर्फ 5 मिनट से शुरू करें और इसे हफ्ते भर कंटिन्यू रखें | जब 5 मिनट की आदत लग जाए तो फिर उसमें थोड़े-थोड़े और वक्त ऐड करते जाएँ, जिससे कि डिसिप्लिन भी बना रहेगा और 1-2 महीने बाद आपको आदत लग जाएगी | छोटे गोल पूरे होने के बाद खुद की तारीफ करें, इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा |
    सलाह – छोटे-छोटे गोल को पूरा करने की सोचें |
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  5. अगर किसी बात को लेकर आपको डाउट होता है तो उसे कहना सीखें बजाय अपने मन में दबाए रखने के, इससे मन भी हल्का होगा और नई चीजों के बारे में सोचने में भी आसानी होगी |
    सलाह – अपने मन की बातों को कहना सीखें |

निष्कर्ष –

भाग्यांक 7 के जातकों ने अगर ऊपर दी गई बातों को अपनी जिंदगी में उतारा, तो उनकी कई प्रॉब्लम्स खत्म हो सकती हैं। अगर उन्होंने नियमित रूप से योगा और मेडिटेशन करने की आदत डाल ली, तो इससे वे मानसिक और शारीरिक समस्याओं से बाहर निकल सकते हैं और उनकी डिसीजन-मेकिंग पावर भी बढ़ सकती है। लेकिन इन आदतों को अपनी जिंदगी में एकदम से नहीं उतारना चाहिए, क्योंकि शुरू-शुरू में तो मोटिवेशन की वजह से कर लेंगे, लेकिन बाद में इस रूटीन को फॉलो करने में दिक्कत होगी। इसलिए शुरुआत छोटे-छोटे स्टेप्स से करें और जब आदत बन जाए, तो धीरे-धीरे वर्कआउट, मेडिटेशन या काम करने के समय को बढ़ाएं।

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