ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। तीन मुखी रुद्राक्ष में शिव, ब्रह्मा और विष्णु तीनों का वास होता है। इसे पहनने से त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में पॉजिटिव बदलाव आने लगते हैं। यह नेगेटिव एनर्जी को दूर करता है और ग्रोथ, सक्सेस और इनर पीस पाने में मदद करता है। मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह से यह लाभदायक है। जिस भी व्यक्ति को मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है, उसे तीन मुखी रुद्राक्ष जरूर पहनना चाहिए। इससे मंगल ग्रह से जुड़े दोष कम होने में मदद मिलती है और मंगल ग्रह के कारण होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलने में सहायता मिलती है। अगर मंगल ग्रह की वजह से व्यक्ति में साहस की कमी आ रही हो या शादी में रुकावटें आ रही हों, तो तीन मुखी रुद्राक्ष इन समस्याओं को कम करने में सहायक होता है।

3 एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे | Benefits of Wearing 3 Mukhi Rudraksha
- पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाना : पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाने के साथ-साथ स्ट्रेंथ, करेज और सेल्फ-कॉन्फिडेंस को बूस्ट करता है। इसके इफेक्ट्स इन राशियों के लोगों को सक्सेस की ओर बढ़ने में हेल्प करते हैं।
- मेष, वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए ज्यादा फायदेमंद:
जिनकी राशि या लग्न मेष, वृश्चिक या धनु है, उनके लिए यह रुद्राक्ष बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाने के साथ-साथ स्ट्रेंथ, करेज और सेल्फ-कॉन्फिडेंस को बूस्ट करता है। इसके इफेक्ट्स इन राशियों के लोगों को सक्सेस की ओर बढ़ने में हेल्प करते हैं। - मंगल दोष से छुटकारा : मंगल से जुड़े दोषों को कम करता है |
अगर किसी की कुंडली में सूर्य या मंगल की पोजीशन अशुभ है या इनसे कोई नेगेटिव इफेक्ट आ रहा है, तो तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने से इनका प्रभाव कम होता है। यह ग्रहों की पॉजिटिव एनर्जी को एक्टिवेट करके लाइफ में गुड रिजल्ट्स लाने में हेल्प करता है। - त्रिदेवों की कृपा : तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने से इंसान को ब्रम्हा,विष्णु और महेश ऐसे त्रिदेवों की कृपा और आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति के अंदर रिस्क टेकिंग अबिलिटी बढ़ती है और इंसान हर परेशानी का समाना साहस के साथ करता है |
तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम |Rules for wearing 3 Mukhi Rudraksha
- रुद्राक्ष की पहचान | असली रुद्राक्ष को पहचानने के लिए उसकी X-ray रिपोर्ट चेक करें या जिस व्यक्ति से खरीद रहे हैं, उसके पास जेन्युइन लैब सर्टिफिकेट है या नहीं, यह जरूर वेरिफाई करें। असली रुद्राक्ष में नैचुरल खांचे होते हैं और इसके बीज के अंदर सफेद रंग का बीज दिखाई देता है। असली रुद्राक्ष पर हल्का सा स्क्रैच करने पर इसमें से धागे जैसी लाइनें निकलती हैं, जबकि नकली रुद्राक्ष में ऐसा नहीं होता। सही तरीके से जांच करने पर ही असली और नकली रुद्राक्ष का फर्क समझ में आता है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष को शुद्ध करने :के लिए गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में रातभर भिगोकर रखें या गाय के देशी घी में उसे डुबाकर रखे औ और सुबह साफ पानी से धो लें। इसके बाद रुद्राक्ष को भगवान शिव के समक्ष रखें, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें और धूप-दीप दिखाकर इसकी पूजा करें। इसे धारण करने से पहले अपने इष्ट देव का ध्यान करें और मानसिक रूप से पवित्र रहें। इस प्रक्रिया से रुद्राक्ष की ऊर्जा शुद्ध होती है और यह अच्छे परिणाम देने में सक्षम होता है |
- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने का सही समय | इसे सोमवार या महाशिवरात्रि के दिन सुबह नहाने के बाद पहनना शुभ माना जाता है। इसे ब्रह्म मुहूर्त या किसी शुभ समय में धारण करें, लेकिन ध्यान रखें कि इसे सुबह 7 बजे से पहले पहनना अधिक अच्छा माना जाता है जिससे की इससे मिलने वाला पूरा लाभ आपको मिल सके और आप अपने जीवन आगे बढ़ सके |
- 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का तरीका : इसे लाल धागे या गोल्ड-सिल्वर की चेन में पहन सकते हैं। रुद्राक्ष को गले में माला के रूप में या हाथ में कड़े की तरह भी धारण किया जा सकता है। इसे स्किन से डायरेक्ट टच कराना ज्यादा फायदेमंद होता है जिससे इसका पूरा लाभ आपको मिल सके |
- 3 मुखी रुद्राक्ष
स्वामी ग्रह: मंगल
शासक देवता: अग्निदेव
अनुशंसित राशि: मेष और वृश्चिक राशि के लिए विशेष लाभकारी
मंत्र: ॐ क्लीं नमः
3 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नुकसान |Disadvantages of wearing Mukhi Rudraksha
इस बात को हमेशा ध्यान रखे की कौनसा भी रुद्राक्ष हो इसे पहनने के कभी भी नुकसान नहीं होते है लेकिन आप अगर बिना ज्योतिषी सलाह और बिना इसके नियमों का पालन करे इसे धारण करते है तो इसका फायदा भी आपको नहीं मिलेगा |
- 3 मुखी रुद्राक्ष को कैसे संभालें : इसे लेदर की चीजों के साथ कभी न रखें, क्योंकि इससे इसकी पॉजिटिव एनर्जी कम हो सकती है। रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखें और जब भी इसे न पहनें, तो गंगाजल या किसी शुद्ध कपड़े में लपेटकर सुरक्षित स्थान पर रखें।
- 3 मुखी रुद्राक्ष पहनते समय : मांस, शराब या किसी भी नकारात्मक चीज़ का सेवन करने से बचें, क्योंकि इससे इसकी ऊर्जा कमजोर हो सकती है। इसे पहनकर पवित्रता और शुद्धता का ध्यान रखना जरूरी होता है। सोते समय और बाथरूम जाते समय इसे उतार देना चाहिए, ताकि इसकी शक्ति प्रभावित न हो। नहाते समय इसे उतरना भी बेहतर होता है, खासकर अगर आप साबुन या शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि केमिकल्स के संपर्क में आने से रुद्राक्ष की प्राकृतिक ऊर्जा कम हो सकती है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष : को साफ और शुद्ध बनाए रखने के लिए समय-समय पर गंगाजल या कच्चे दूध से धोना जरूरी होता है। ऐसा करने से इसकी ऊर्जा सक्रिय बनी रहती है और आपको इसका पूरा लाभ मिलता है। इसे धोने के बाद साफ कपड़े से पोंछकर भगवान शिव के सामने रखकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें, इससे इसकी पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है और यह और अधिक प्रभावी हो जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम |Rules after wearing 3 Mukhi Rudraksha
- तीन मुखी रुद्राक्ष को किसी गंदे या प्लास्टिक के धागे में नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे इसकी ऊर्जा प्रभावित हो सकती है। इसे हमेशा लाल या काले धागे में पहनें, जिससे इसका पूरा फायदा आपको मिल सके |
- तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद मांस और शराब का सेवन न करें, क्योंकि इससे इसका सकारात्मक असर कम हो सकता है, यदि किसी गर्भवती महिला या नवजात शिशु से मिलने जा रहे हैं, तो इसे पहले उतार दें, क्योंकि ऐसे समय में रुद्राक्ष को विश्राम देना और उसकी ऊर्जा को संतुलित रखना जरूरी होता है।
निष्कर्ष –
तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि देवता का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से नेगटिव एनर्जी दूर होती हैं। इसका स्वामी ग्रह मंगल है, जो साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा प्रदान करता है। यह विशेष रूप से मेष, सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए अच्छा माना जाता है। इसे पहनने से पुराने पापों की वजह से हमे जो परेशानी हो रही है उससे छुटकारा मिलता है , मानसिक तनाव दूर होता है और इच्छाशक्ति बढ़ती है। यह रुद्राक्ष डरपोक इंसान में भी साहस भर देता है |
QNA
- तीन मुखी रुद्राक्ष किस काम आता है?
3 मुखी रुद्राक्ष इंसान के पुराने पापों को नष्ट करता है और जिसके भी अंदर साहस की कमी है या कोई भी काम शुरू करने से बैचेनी होती है वो यह कम करता है,इसे पहनने से त्रिदेवों की कृपा प्राप्त होती है और अगर किसी के कुंडली में मंगल ग्रह से जुड़ी परेशानी है तो यह उसे भी दूर करता है | - क्या नहाते समय रुद्राक्ष उतार देना चाहिए?
हाँ,क्योंकि जो साबुन में या बॉडी वॉश में केमिकल होते है उससे इसकी सकारात्मक ऊर्जा कम होती है | इसलिए नहाने से पहले रुद्राक्ष को उतार दें और हो सके तो रात को सोते समय उतारकर सोना चाहिए और सुबह नहाने के बाद इस पहने | - गले में कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
गले में 5 मुखी रुद्राक्ष और 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करना सबसे अच्छा माना जाता है जिससे की हमारे गुरु और सूर्य ग्रह बैलन्स होते है और शरीर को बहुत से बीमारी से बचाते है | - कौन सा मुखी रुद्राक्ष शक्तिशाली है?
1 मुखी रुद्राक्ष और 21 मुखी रुद्राक्ष को सबसे शक्तिशाली माना जाता है और यह ओरिजनल मिलना भी बहुत ही मुश्किल होता है | - धन प्राप्ति के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनें?
धन प्राप्ति के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष पहनना बहुत अच्छा माना जाता है इसका इसमे देवी लक्ष्मी का वास होता है और इसको पहनने से शनि ग्रह से जुड़े सभी समस्या का हल भी होता है,शनि की साढ़े साती में पहनने से इंसान की परेशानी दूर होती है | - कौन सा रुद्राक्ष भाग्यशाली है?
पंचमुखी रुद्राक्ष को लकी माना जाता है, इसे पहनने से वेल्थ ग्रोथ होती है और लाइफ में प्रॉस्पेरिटी बढ़ती है और 5 मुखी रुद्राक्ष हमारे 5 तत्त्वों को बैलन्स करता है | - रुद्राक्ष घर में रखने से क्या होता है?
मेंटल पीस के लिए रुद्राक्ष घर में रखना अच्छा होता है, यह स्ट्रेस को कम करता है। फाइनेंशियल ग्रोथ में हेल्प करता है और घर में पॉजिटिव एनर्जी लाता है। साउंड स्लीप मिलती है, जिससे बुरे सपने नहीं आते और माइंड रिलैक्स रहता है।पॉजिटिव थॉट्स को बढ़ावा देता है और नेगेटिविटी को दूर करता है। - रुद्राक्ष पहनकर क्या नहीं करना चाहिए?
मांस और शराब का सेवन न करें – रुद्राक्ष धारण करने के बाद नॉन-वेज और एल्कोहल लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह इसकी पॉजिटिव एनर्जी को कमजोर कर सकता है और आध्यात्मिक प्रभाव को कम कर सकता है। जितना रुद्राक्ष को पहनने से फायदा मिलना है उतना फायदा नहीं मिलता है | - रुद्राक्ष किस दिन धारण करना चाहिए?
दो मुखी रुद्राक्ष को पहनने का सबसे शुभ दिन महाशिवरात्रि माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन इसे धारण करने से विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा, श्रावण मास के सोमवार को भी इसे पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर श्रावण मास न हो, तो आप इसे किसी भी सोमवार या बुधवार को पहन सकते हैं। लेकिन हमेशा पहनने के बाद उसके नियम को जरूर अपनाए | - रुद्राक्ष पहनकर क्या नहीं करना चाहिए?
मांस और शराब का सेवन न करें – रुद्राक्ष धारण करने के बाद नॉन-वेज और एल्कोहल लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह इसकी पॉजिटिव एनर्जी को कमजोर कर सकता है और आध्यात्मिक प्रभाव को कम कर सकता है। इन बातों का जरूर ध्यान रखे वरना फिर परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है |