भाग्यांक 7 वाले ज्यादा सोचने, अकेले रहने और रहस्यमयी स्वभाव के कारण अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते। ये अपने सपनों की दुनिया में जीते है और दूसरों पर जल्दी भरोसा नहीं करते। अनजान डर, इमोशनल इम्बैलन्स और आत्मविश्वास की कमी भी इन्हें खुलकर बोलने से रोकती है। इन सब बातों से बचने के लिए भाग्यांक 7 वालों को अपनी जिंदगी में योगा और ध्यान करने की जरूरत है ऐसा करने से अंदर से कॉन्फिडेंस आएगा | अपनी बातों को दूसरों के सामने कहने की कोशिश करे हो सके तो लंबी बातचीत करने की कोशिश करें और अपने भरोसेमंद और करीबी व्यक्ति के साथ अपने मन की बातों को शेयर करने की कोशिश करें | ऐसा करने से धीरे-धीरे दूसरों के साथ अपनी मन की बातों को शेयर कर सकेंगे |

भाग्यांक 7 के फैक्टस
- सही और जल्दी निर्णय लेना: सही और जल्दी निर्णय लेने की खूबी भाग्यांक 7 वालों के अंदर होती है, जो इन्हें कामयाब बनाने में बहुत अधिक मदद करती है। इन्हें जल्दी और सही निर्णय लेना बहुत अच्छे से आता है।
- लॉजिक और फिलॉसफी: बुद्धि और आध्यात्म बहुत ही अच्छा कॉम्बिनेशन भाग्यांक 7 वालों में देखने को मिलता है। इसकी वजह से अपनी पर्सनल और स्पिरिचुवल दोनों ही लाइफ को ये बैलन्स करते है |
- गुड स्टोरी टेलर: ये बहुत अच्छे स्टोरी टेलर होते हैं और अपनी बातों से दूसरों को इंप्रेस करना इन्हें बहुत अच्छी तरह से आता है।
- इंट्यूशन और गट फीलिंग: भाग्यांक 7 वालों की गट फीलिंग बहुत ही स्ट्रॉन्ग होती है। कुछ बातें होने से पहले ही इन्हें इसका आभास हो जाता है। दूसरे भाग्यांकों की तुलना में इनका इंट्यूशन पावर बहुत ज्यादा अच्छा होता है।
- जिज्ञासु और रिसर्चर: इन्हें रहस्यमयी चीजों के बारे में जानना और समझना बहुत पसंद होता है, जिसके कारण ये हमेशा पुरानी चीजों के बारे में कुछ न कुछ पढ़ते रहते हैं। वैसे देखा जाए तो भाग्यांक 7 के लोग बहुत अच्छे रिसर्चर बन सकते हैं क्योंकि ये हर चीज को डिटेल में और गहराई से जानने की पूरी कोशिश करते हैं।
- स्पिरिचुअल: ये बहुत अधिक आध्यात्मिक होते हैं और कई बार देखा गया है कि ये कम उम्र में ही मेडिटेशन और बाकी स्पिरिचुअल प्रैक्टिस से जुड़ जाते हैं।
- गंभीर और प्रभावशाली: ये अपनी बातों से दूसरों पर बहुत गहरी छाप छोड़ते हैं। इनका बातचीत का तरीका बहुत ही अच्छा होता है |
- दयालु और ईमानदार: ये दिल से बहुत दयालु होते हैं और जिससे भी दोस्ती करते हैं, उसे पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। इनके इसी स्वभाव की वजह से जो भी दोस्त बनते है वो लंबे समय तक टीके रहते है |
भाग्यांक 7 की कमजोरी
- कन्फ्यूजन और अस्थिरता: ये अपने ही विचारों को लेकर बहुत ज्यादा कन्फ्यूजन में रहते हैं और इनके दिमाग में हमेशा कई तरह के विचार चलते रहते हैं।
- भविष्य को लेकर डर: भले ही इनका आज अच्छा हो, फिर भी ये अपने भविष्य को लेकर डरते रहते हैं और इसी चिंता में अपने आज को भी अच्छे से नहीं जी पाते हैं।
- सेल्फ-डाउट: अपनी काबिलियत और स्किल्स पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करते हैं, जबकि ये बहुत टैलेंटेड होते हैं। इसी आदत की वजह से बहुत से मौके इनके हाथ से निकल जाते है |
- ज्यादा सोचने की आदत: कई बार जरूरत से ज्यादा सोचते हैं, जिसकी वजह से देर होने पर मौके हाथ से जाने पर इन्हें पता चलता है और अफसोस करते रहते है |
- कम सोशल होना: ज्यादा सोचने की वजह से ये अपने ही ख्यालों में खोए रहते हैं और दूसरों से बहुत कम घुलते-मिलते हैं। इसी आदत की वजह से इनके दोस्त भी बहुत ही कम होते है |
- फोकस की कमी: हमेशा एक आइडिया या विचार पर टिके रहने में इन्हें बहुत परेशानी होती है, जिसकी वजह से इनके अंदर फोकस की कमी देखी जा सकती है। फोकस की कमी की वजह से भी चीजों को जल्दी सीखना इन्हें अच्छा नहीं लगता है |
- दूसरों पर जल्दी भरोसा करना: ये दूसरों की बातों में जल्दी आ जाते हैं और सिर्फ सुनी-सुनाई बातों पर ही भरोसा कर लेते हैं। दूसरों पर भरोसा जल्दी रखने की वजह से बहुत से लोग इनका फायदा उठाते है |
- प्रॉब्लम्स से भागना : ये अपनी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने की बजाय उनसे दूर भागने की कोशिश करते हैं, जिसकी वजह से वही समस्या आगे चलकर इनके सामने और बड़ी होकर आ जाती है।
उपाय (REMEDY)
- भाग्यांक 7 वालों का स्वामी ग्रह केतु होता है, इसलिए ऊपर बताई गई बातें उनके अंदर तभी दिखाई देती हैं जब उनका केतु ग्रह कमजोर हो। इसलिए इन्हें केतु ग्रह के उपाय करना बहुत जरूरी है, जैसे कि केतु ग्रह को ठीक करने के लिए अपने डेली रूटीन में योगा और प्राणायाम को जरूर शामिल करें।
- हर रोज घर में कपूर और धूप जलाएं, ऐसा करने से केतु के बुरे प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
- केतु ग्रह को अच्छा करने के लिए केतु ग्रह के मंत्र का जाप सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। इस मंत्र का जाप शनिवार के दिन से शुरू करें और दिन में कम से कम 21 बार, 51 बार या 108 बार जाप करें।
मंत्र : “ॐ कें केतवे नमः” - अगर केतु ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करना है, तो कुंडली में गुरु ग्रह को अच्छा करने से भी केतु ग्रह के दोष कम होने लगते हैं। गुरु ग्रह को अच्छा करने के लिए गुरुवार के दिन से पानी में हल्दी डालकर नहाए लगभग 43 दिन तक ऐसा करने से गुरु और केतु दोनों ही अच्छे होने लगते है |
- हमेशा दूसरों के साथ अच्छे से पेश आना और गरीबों की मदद करना भी केतु ग्रह को अच्छा करता है।
- एस्ट्रोलॉजी में केतु को गुरु ग्रह का चेला कहा जाता है और गुरु ग्रह को सोने के साथ जोड़ा जाता है। केतु को कानों से भी जोड़ा जाता है जिसकी वजह से कानों में सोना पहनने से केतु अच्छा होता है।
निष्कर्ष –
भाग्यांक 7 के बारे में हमने यह जाना कि दूसरों के मुकाबले इनकी डिसीजन मेकिंग पावर बहुत ही स्ट्रॉन्ग होती है, और इसके साथ-साथ सही निर्णय लेने में भी ये काबिल होते हैं। अपने नॉलेज के साथ-साथ ये आध्यात्म से भी जुड़े रहते हैं और बहुत कम उम्र में ही मेडिटेशन और चक्रा बैलेंस जैसी स्पिरिचुअल प्रैक्टिस में भाग लेते हैं। अपने डेली लाइफ में हुए किस्से दूसरों को स्टोरी बनाकर सुनाना इन्हें बहुत ही अच्छी तरह से आता है, ये बहुत ही अच्छे स्टोरी टेलर होते हैं। नई और रहस्यमयी चीजों के बारे में सीखना इन्हें बहुत अच्छा लगता है, और जिस चीज के बारे में भी सीखते हैं, उसकी पूरी डिटेल में जानकारी रखते हैं। दूसरों के मुकाबले इनकी गट फीलिंग और इंट्यूशन पावर बहुत ही स्ट्रॉन्ग होती है। अगर कोई बड़ी घटना आगे होने वाली होती है, तो इन्हें पहले से ही उसके सिग्नल मिलने लगते हैं। इतनी सारी खूबियां होने के बाद भी ये दूसरों के साथ अच्छे से पेश आते हैं और जिस किसी के साथ भी दोस्ती करते हैं, उसे पूरी ईमानदारी से निभाते हैं।लेकिन अगर इनका केतु ग्रह खराब होता है, तो बहुत सी बुरी आदतें भी इनके अंदर दिखाई देती हैं, जैसे कि कन्फ्यूजन ,भविष्य को लेकर डर ,सेल्फ-डाउट ,ज्यादा सोचने की आदत ,कम सोशल होना, फोकस की कमी ,प्रॉब्लम्स से भागना ये सारी आदतें इन्हें जिंदगी में पीछे रख सकती हैं।