BHAGYANK 2 : भाग्यांक 2 क्यों अपनी मन की बातों को दूसरों से कह नहीं पाते ? जानिए वजह और उपाय |

भाग्यांक 2 के व्यक्ति अपने मन की बातों को दूसरों के सामने जल्दी कह नहीं पाते हैं, जिसकी वजह उनका ज्यादा इमोशनल होना और हद से ज्यादा दूसरों की परवाह करना है। भाग्यांक 2 वाले दिल के तो बहुत मासूम होते हैं, इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनसे जाने-अनजाने में किसी को कोई तकलीफ न हो। ये अपने विचारों को लेकर ज्यादा सोचते हैं कि अगर इन्होंने अपनी बातों को सामने वाले को बताया तो वह उन्हें गलत समझ सकते हैं या उनसे नाराज हो सकते हैं। इसलिए भाग्यांक 2 के व्यक्ति अपनी मन की बातों को दूसरों से कहने में तकलीफ महसूस करते हैं।इससे बचने के लिए भाग्यांक 2 वालों को धीरे-धीरे अपनी बातों को दूसरों से कहने की कोशिश करनी चाहिए, और अगर इन्हें अपनी बातों को दूसरों से कहने में तकलीफ होती है, तो इसे डायरी में लिखने की आदत डालनी चाहिए, जिससे इनका मन हल्का हो जाएगा। योगा और मेडिटेशन करना इनके विचारों में क्लियरिटी लाने और बोलने में कॉन्फिडेंस बढ़ाने में मदद करेगा।अपनी बात को कहने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं और ध्यान दें कि कहाँ बोलना है और कहाँ नहीं। केवल वहां बोलें, जहां आपका बोलना जरूरी हो। अगर कोई आपकी किसी काम के लिए तारीफ करता है, तो उसे स्वीकार करें, जिससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी हर वक्त पूरी तरह से कॉन्फिडेंट नहीं होता। हर व्यक्ति का कॉन्फिडेंस सिचुएशन के हिसाब से कम-ज्यादा होता है, और हर किसी को कभी न कभी नर्वसनेस महसूस होती है। इसलिए खुद को दूसरों से अलग या कमजोर न समझें। जितना हो सके, अपनी मन की बातों को कहना और जरूरत पड़ने पर दूसरों को ना कहना सीखें। आइए, अब देखते हैं कि भाग्यांक 2 के लोग अपनी लाइफ में आने वाली प्रॉब्लम्स को कैसे डील कर सकते हैं।

Bhagyank 2 hindi

भाग्यांक 2 के फैक्टस

  • ईमोशनल और केयरिंग नेचर: भाग्यांक 2 के जातक स्वभाव से बहुत ही ज्यादा ईमोशनल होते हैं, जिसकी वजह से दूसरों की भावनाओं को ये बहुत ही जल्दी समझ जाते हैं। दूसरों की भावनाओं को समझने के साथ-साथ ये केयरिंग नेचर के भी होते हैं। अपने आसपास और करीबी लोगों का बहुत ही अच्छे से ध्यान रखते हैं और जितना इनसे दूसरों के लिए किया जा सकता है, उतना करने की पूरी कोशिश करते हैं।
  • इमोशनल इंटेलिजेंस: इनमें दूसरों की भावनाओं को समझने की काबिलियत होती है, जिसकी वजह से दूसरों का दिल किस तरह से जीतना है, ये इन्हें बहुत ही अच्छी तरह से पता होता है। इसी बात को ध्यान में रखकर अपने रिश्तों को ये मजबूत करते हैं।
  • क्रिएटिविटी और इमेजिनेशन: भाग्यांक 2 के जातक बहुत ही ज्यादा क्रिएटिव होते हैं और दूसरों के मुकाबले इनमें आइडिया ज्यादा आते हैं। पेंटिंग, राइटिंग और किसी भी तरह के क्रिएटिव काम में ये बहुत ही माहिर होते हैं।
  • शांत और सपोर्टिव: ये शांत होने के साथ-साथ सपोर्टिव भी होते हैं। बेफिजूल की बातों से भाग्यांक 2 वालों खासकर दूर ही रहना पसंद होता है, और हमेशा जितना इनसे हो सकता है, उतना दूसरों की मदद करने की कोशिश करते हैं। इनका सपोर्टिव नेचर ही इन्हें दूसरों का खास बनाता है।
  • लिस्नर: भाग्यांक 2 के जातक बहुत ही अच्छे लिस्नर होते हैं और दूसरों की बातों को बहुत ही अच्छे से सुनते हैं, और उसे समझने की भी पूरी कोशिश करते हैं। इनके इसी स्वभाव की वजह से कई बार लोग इनसे आसानी से जुड़ जाते हैं।
  • भोला स्वभाव: दिल के बहुत ही साफ होते हैं और हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि इनकी वजह से दूसरों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
  • हीलर: भाग्यांक 2 के व्यक्ति बहुत ही समझदार होते हैं और दूसरों की बातों को गौर से सुनने और समझने की पूरी कोशिश करते हैं। ये हमेशा अपनी बातों से दूसरों को सहारा देने की पूरी कोशिश करते हैं, और इनकी बातें सुनकर ही दूसरों को बहुत अच्छा महसूस होता है।
  • मेडिएटर: ये दो लोगों के बीच झगड़ा मिटाने में माहिर होते हैं और इन्हें बहुत ही अच्छे से पता होता है कि किस तरह से दोनों को समझाया जाए और उनके बीच का झगड़ा खत्म किया जाए। इनकी यह काबिलियत इन्हें बहुत ही अच्छा मेडिएटर बनाती है।

भाग्यांक 2 की कमजोरी

  •  ज्यादा ईमोशनल: दूसरों के कही हुए छोटी-छोटी बातों को अपने दिल पर लगा लेते हैं और सिर्फ इस बात को सोचकर परेशान होते रहते हैं कि दूसरों ने इनके साथ ऐसा बुरा व्यवहार क्यों किया।
  • पास्ट में जीना: भाग्यांक 2 के जातक कई बार आज में जीने की बजाय पुराने ख्यालों में खोए रहते हैं और जो पास्ट में बुरी चीजें हुईं हैं, सिर्फ उसी के बारे में सोचते रहते हैं, जिसकी वजह से वे आज का मजा लेना भूल जाते हैं।
  • प्रोक्रेस्टिनेशन की आदत: काम सामने होते हुए भी इसे टालते रहते हैं और इसी आदत की वजह से बहुत से मौके इनके हाथ से निकल जाते हैं।
  • मूड स्विंग: मूड स्विंग बहुत जल्दी होते हैं, जिसकी वजह से कई बार एकदम से ज्यादा खुश होते हैं, तो अचानक गुस्सा हो जाते हैं। इनकी इसी आदत की वजह से दूसरे इनका मजाक करने से भी डरते हैं और इन्हें अच्छे से समझ भी नहीं पाते हैं।
  • लो कॉन्फिडेंस: कई बार देखा गया है कि इनके अंदर कॉन्फिडेंस की कमी होती है, और अपनी बातें दूसरों को कहने में भी इन्हें परेशानी होती है। इसी आदत के चलते स्किल्ड होने के बाद भी ये काम में सफल नहीं हो पाते हैं।
  • सेल्फ डाउट: ये अपने ऊपर ही भरोसा नहीं कर पाते हैं और हमेशा सेल्फ डाउट में जीते हैं। इनके इसी स्वभाव की वजह से बहुत से मौके इनके हाथ से निकल जाते हैं।
  • भविष्य की चिंता: ये अपने भविष्य को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंता करते हैं और हमेशा सोचते रहते हैं कि आगे चलकर क्या होगा। लेकिन जब ये ज्यादा परेशान होने लगते हैं, तब इन्हें मानसिक तनाव हो सकता है, और ये अपने भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हो सकते हैं।

उपाय (REMEDY )

  • भाग्यांक 2 को चंद्रमा ग्रह के साथ जोड़ा जाता है, और कुंडली में चंद्रमा खराब हो तो ऊपर बताए गए कमजोरी के लक्षण इनके अंदर दिखाई देते हैं। चंद्रमा को अगर कुंडली में मजबूत करना है, तो शिवलिंग के ऊपर हर सोमवार के दिन जल या दूध चढ़ाएं। ऐसा करने से भी कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।
  • चंद्र ग्रह का दिन सोमवार कहा जाता है, इसलिए सोमवार के दिन उपवास करने से भी चंद्र ग्रह मजबूत होता है।
  • सोमवार के दिन चंद्र ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से भी चंद्र ग्रह अच्छा होता है। चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए दूध, सफेद कपड़े या सफेद खाने की चीजों का दान करना चाहिए।
  • चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए और उसके सारे दोषों को कम करने के लिए चंद्र ग्रह के नाम मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप सोमवार के दिन से करें, और हो सके तो दिन में कम से कम 21 बार, 51 बार या 108 बार मंत्र का जाप करें।
    मंत्र – ॐ सों सोमाय नमः।
  • अगर उपाय करना मुश्किल हो, तो सिर्फ भगवान शिव के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करें और आपसे जाने-अनजाने में जो भी गलतियां हुई हैं, उसकी माफी मांगे। ऐसा करने से धीरे-धीरे मन शांत और अच्छा होता जाएगा।
  • चंद्रमा को माँ के साथ जोड़ा जाता है, तो हर दिन अपनी माँ के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें, और इस बात को हमेशा याद रखें कि चंद्रमा के आप कितने भी उपाय कर लें, लेकिन अगर अपनी माँ के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, तो आपका कुंडली में चंद्रमा कभी अच्छा नहीं होगा।
  • गले में चांदी की चेन पहनें सोमवार के दिन। ऐसा करने से चंद्रमा और राहु बैलेंस होते हैं।

निष्कर्ष –
भाग्यांक 2 के बारे में हमने ये जाना कि ये दिल से बहुत ही मासूम और अच्छे स्वभाव वाले होते हैं। हमेशा दूसरों के बारे में ज्यादा सोचते हैं और जितना दूसरों की मदद कर सकते हैं, उतना करने की पूरी कोशिश करते हैं। दूसरों की बातों को बहुत ही अच्छे से सुनते हैं और उसके साथ-साथ दूसरों की बातों को पूरी तरह से समझने की भी पूरी कोशिश करते हैं। ये अपनी बातों से दूसरों को मनाने में माहिर होते हैं, और जब भी ये किसी से बात करते हैं, तो इनकी बातों को सुनकर ही दूसरों को अच्छा महसूस होता है। ये एक बहुत ही अच्छे मेंटल हीलर होते हैं। दो लोगों के बीच का झगड़ा सुलझाने में भी ये माहिर होते हैं। इनके इसी स्वभाव की वजह से बहुत से लोग इनके साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। लेकिन अगर जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो बहुत से अवगुण भी इनके अंदर देखे जाते हैं। जैसे कि ये हद से ज्यादा ही इमोशनल होते हैं और प्रेजेंट में जीने की बजाय अपने पास्ट में हुई चीजों के बारे में सोच-सोचकर परेशान होते रहते हैं। सेल्फ-डाउट, लो कॉन्फिडेंस, मूड स्विंग और प्रोक्रस्टिनेशन की आदत इनमें देखी जाती है।